...

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आलोचन
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;

शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
मान ले तु कहना इस पल रे
हर कोई कहता हुए समझाए
मेरे विश्वास को डगमगाएँ |

मानू या ना मै मानू
क्यों यह द्विधा मुझको सताए
मै बन जाता हूँ खूद अर्जुन
गिरीधर आके उपाय बताए |

अपनो से ही दूध की जली
क्यों गैरो से करू खींचातानी
जो दिखता वो सरल नही है
क्यों राधा स्वीकार जीवन भर नही हैं |

भ्रमित हुआ हूँ व्याकुल हुआ हूँ
बिखर न जाऊँ ,टूट न जाऊँ
अंतर्मन युद्ध विराम लगा दे
गीता अध्याय फिर दोहरा दे|


© Bkt...