अलविदा
मुड़ के देखने की हिम्मत ना थी,
सीधे चलने के सिवा कोई हरकत ना थी।
कुछ पल का साथ फिर होना था जुदा,
आंखों आंखों में ही मैंने कहा था अलविदा।
वो हर एक पल किसी दूसरी ज़िंदगी सा था,
एक खूबसूरत ख़्वाब की खुशी सा था।
चंद...
सीधे चलने के सिवा कोई हरकत ना थी।
कुछ पल का साथ फिर होना था जुदा,
आंखों आंखों में ही मैंने कहा था अलविदा।
वो हर एक पल किसी दूसरी ज़िंदगी सा था,
एक खूबसूरत ख़्वाब की खुशी सा था।
चंद...