...

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मेरी कहानी मेरी जुबानी
जब चले थे हम भी मोहब्बत की राह में।
ख्वाब भी बेशुमार थे, जिंदगी की राह में।।
एक तरफ़ अधूरी सी थी ये जिंदगी।
रोज़ रास्ते को देखा करते थे उसकी राह में।।

वो लिखता गया अपना हाल -ए -दिल किताबों में।
मैं पड़ता गया अंधेरी रात के सन्नाटो में।।
बहुत बेताबी थी उस जमाने में क्या करे।
मेरी सुबहो ओर श्यामे गुज़र जाती थी सिर्फ इंतेज़ार में।

वो पहली मुलाक़ात आज तक दिल में है।
जनवरी की पहली तारीख का हसीन मौसम दिल में है।।
उसने पहली बार दिल को छुआ था।
ये बात आज तक उसके दिल ओर मेरे दिल में है।।

समय गुजरता गया हालात भी कमजोर थे।
परिवार अलग थे मगर दिल एक थे।।
बहुत मुश्किलों से संभाला था वो दौर।
मुकम्मल होती है मोहब्बत क्योंकि इरादे नेक थे।।

बात बड़ी एक पक्की हुई थी।
खुशनसीब था मैं जो ये बात हुई थी।।
लोगो की तो सिर्फ एक ही...