...

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कुछ बातें खुद से
आज फिर आंखे नम है
बोलना तूझे किस बात का गम है
अरे देख खुदको तू क्या किसी से कम है
हार रहा है तू ये सब तेरा भ्रम है।

अब कब तक ख़ामोश रहेगा
अंदर ही अंदर सब कुछ सहेगा
चल बाहर आने दे सब
मिलकर सबकुछ देख लेंगे अब।

चल रो ले थोडा
आख़िर कब तक बोझ सहेगा
जब तक ना खुल के रोएगा
तू कैसे चैन से सोएगा।

जिसको समझा था तुने मरहम
आखिर वही दे गए ना गम
चल अब सोचना बंद कर
खुदको कोसना बंद कर।

उठ अब देख...