प्रलय
देख समय आ गया
हो रहा कैसा विलाप
पृथ्वी है सज रही
होगा आकाश से मिलाप
समय की है चाल बदली
मिलने की है जल्दी
किया ऐसा प्रलय
मनुष्य हो गए इसमें विलय
पृथ्वी जी रही ये पल
साफ हो रही हवा और जल
मानव हो रहे विफल
सब का है मानना
सब ठीक हो जाएगा कल
मनुष्य पर मंडरा रहा संकट
प्रलय की घड़ी...
हो रहा कैसा विलाप
पृथ्वी है सज रही
होगा आकाश से मिलाप
समय की है चाल बदली
मिलने की है जल्दी
किया ऐसा प्रलय
मनुष्य हो गए इसमें विलय
पृथ्वी जी रही ये पल
साफ हो रही हवा और जल
मानव हो रहे विफल
सब का है मानना
सब ठीक हो जाएगा कल
मनुष्य पर मंडरा रहा संकट
प्रलय की घड़ी...