में एक लफ्ज़ हूँ
कोई बदलता हुआ मौसम सा
में कहीँ ठंड सी रात, कहीँ नए सूरज का धूप हूँ..
में कहीँ मंदिरों के ढोल, कहीँ अजान
और कहीँ गुरुद्वारे का गुरुबानी गीत हूँ..
मेरे शर पर है कहीँ...
में कहीँ ठंड सी रात, कहीँ नए सूरज का धूप हूँ..
में कहीँ मंदिरों के ढोल, कहीँ अजान
और कहीँ गुरुद्वारे का गुरुबानी गीत हूँ..
मेरे शर पर है कहीँ...