...

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वो और वो
जो उनसे बात हो जाती है
सर्दी में जैसे शाम हो जाती है

कैसे बयाँ करू जज्बात अपने
बातें जैसे सारी आम हो जाती है

अब हर तरफ वो नज़र आते है
नींदे अब हराम हो जाती है

और क्या लिखूँ उनके लिए
हर सोच अब उनपर ही तमाम हो जाती है
© @mrblank00