मेरी ये आदत।
मेरी ये आदत की लोगों से गिला न करना।
क्या अपने क्या पराए लोगों से जिरह न करना।
मुझे बना देती है कभी पत्थर दिल लोगों के सामने।
कभी मैं हद से ज्यादा बेपरवाह उन्हें दिखता हूं।
मैं सोचता हूं कि समझना छोड़ दूं औरों को,
मगर फिर बार बार गलती वही करना।...
क्या अपने क्या पराए लोगों से जिरह न करना।
मुझे बना देती है कभी पत्थर दिल लोगों के सामने।
कभी मैं हद से ज्यादा बेपरवाह उन्हें दिखता हूं।
मैं सोचता हूं कि समझना छोड़ दूं औरों को,
मगर फिर बार बार गलती वही करना।...