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कोई मेल नहीं
#दर्पणप्रतिबिंब
आज देखा खुद को तुझमें
तू बिल्कुल मेरी जैसी दिखती
है,अगर चेहरे की बात करूं तो
कोई फ़र्क नहीं, मैं हंसती हूं
तू भी हंसती है, मैं रोती हूं तो
तु भी रोती है यूं तो एक दूसरे
की परछाई हैं हम फ़िर भी
क्यूं तु मुझे अपनी नहीं लगती
शायद तेरी मेरी सूरत ही मिलती
है,हम दोनों की शिरत का कोई
मेल नहीं।
© Tinki
आज देखा खुद को तुझमें
तू बिल्कुल मेरी जैसी दिखती
है,अगर चेहरे की बात करूं तो
कोई फ़र्क नहीं, मैं हंसती हूं
तू भी हंसती है, मैं रोती हूं तो
तु भी रोती है यूं तो एक दूसरे
की परछाई हैं हम फ़िर भी
क्यूं तु मुझे अपनी नहीं लगती
शायद तेरी मेरी सूरत ही मिलती
है,हम दोनों की शिरत का कोई
मेल नहीं।
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