" नारीशाला "
मेरे मृदु भावो को निर्दइयों ने कठोर बना डाला
इन हाथो ने भी देखो उठा लिया है भाला
पहले स्वयं को बना लू फिर जग बन जाएगा
सबसे पहले नारी तुझको पढ़ाती तेरी नारीशाला
प्यास तुझे सफलता की तपकर तूने खुद को निखार डाला
उठ चढ़ निरंतर सफलता की सीढ़ी देखे हर गिराने वाला
जीवन अपना कबका...
इन हाथो ने भी देखो उठा लिया है भाला
पहले स्वयं को बना लू फिर जग बन जाएगा
सबसे पहले नारी तुझको पढ़ाती तेरी नारीशाला
प्यास तुझे सफलता की तपकर तूने खुद को निखार डाला
उठ चढ़ निरंतर सफलता की सीढ़ी देखे हर गिराने वाला
जीवन अपना कबका...