रेत की तरह फिसलती जिंदगी....
रेत की तरह हाथों से फिसलती रही जिंदगी,
हर पल, हर लम्हा बेबस होकर चलती रही जिंदगी।
सोचा था कि तेज दौड़ूंगी, मंजिल को पा लूंगी,
पर हर कदम पर, उम्मीदों से दूर भागती रही जिंदगी।
🖤🥀🖤
सबसे आगे निकलने की होड़ में जब कदम बढ़ाए,
हर मोड़ पर खुद से ही, पिछड़ती रही जिंदगी।
कभी वक्त का...
हर पल, हर लम्हा बेबस होकर चलती रही जिंदगी।
सोचा था कि तेज दौड़ूंगी, मंजिल को पा लूंगी,
पर हर कदम पर, उम्मीदों से दूर भागती रही जिंदगी।
🖤🥀🖤
सबसे आगे निकलने की होड़ में जब कदम बढ़ाए,
हर मोड़ पर खुद से ही, पिछड़ती रही जिंदगी।
कभी वक्त का...