मेरा बचपन
मेरा बचपन,प्यारा बचपन, सुन्दर है झलक इसकी, जब चाहूँ तब याद करूँ,आती सदा है याद जिसकी|| कभी खेलते पिट्ठू ग्राम, कभी चोर सिपाही भी, कभी दौड़ते कोसों दूर तक थक भी जाते कभी-कभी || स्कूल भी जाना होता था, जाते थे हम ट्यूशन भी, खाते थे सब, खट्टा-मीठा, हो जाती पेट की...