प्रिये
प्रति दिवस संगम को व्याकुल देखूं तेरी बाट प्रिये
तू मौज में किश्ती जैसी मैं गंगा का घाट प्रिये
नयन तेरे ये कजरारे सब समझें दिल की बात प्रिये
तू भोर की लाली सी मैं स्याह अंधेरी रात प्रिये
बिन देखे यह मुखड़ा...
तू मौज में किश्ती जैसी मैं गंगा का घाट प्रिये
नयन तेरे ये कजरारे सब समझें दिल की बात प्रिये
तू भोर की लाली सी मैं स्याह अंधेरी रात प्रिये
बिन देखे यह मुखड़ा...