माँ / गुरू
जो भी आये दर पर PREEET उसे खाली हाथ न जाने देना
खा जाये कोई हिस्से का तुम्हारे जी भर कर उसे खाने देना
रखना पकड़ मजबूत तुम मन पर मन को न ललचाने देना
कोई करे प्यार से बात तो उसके दिल को न मुरझाने देना
हांजी यह सब माँ ने कहा एक दिन कोई समझायें कुछ तो समझाने देना
माँ की बातें मानकर हम खुद को जिन्दगी की तरफ मोड़ आये
रिश्ते नाते प्यार वफा नफरतें बहुत पीछे फिर छौड आये
जिन्दगी ने PREEET से बहुत कुछ माँगा हमने ना इंकार किया
जो भी आया आकर चला गया जाने वालो को...
खा जाये कोई हिस्से का तुम्हारे जी भर कर उसे खाने देना
रखना पकड़ मजबूत तुम मन पर मन को न ललचाने देना
कोई करे प्यार से बात तो उसके दिल को न मुरझाने देना
हांजी यह सब माँ ने कहा एक दिन कोई समझायें कुछ तो समझाने देना
माँ की बातें मानकर हम खुद को जिन्दगी की तरफ मोड़ आये
रिश्ते नाते प्यार वफा नफरतें बहुत पीछे फिर छौड आये
जिन्दगी ने PREEET से बहुत कुछ माँगा हमने ना इंकार किया
जो भी आया आकर चला गया जाने वालो को...