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मैं आगाज़ करू तुम अंजाम दोगी क्या मैं इज़हार करू , तुम कुबूल करोगी क्या..❤
मैं आगाज़ करू तुम अंजाम दोगी क्या
मैं इज़हार करू, तुम कुबूल करोगी क्या,

कभी ख़ुदा से फरमाइश करी है क्या
इश्क़ करने की ख्वाइश तुम्हे है क्या,

हमारी मौजूदगी तुम्हे रास आती है क्या
हमारी गैर मौजूदगी तुम्हे सताती है क्या,

ख्याल मेरे तुमको आते है क्या
ख़्वाबों मैं हम तुमको नज़र आते है क्या,

इश्क़ से कोई परहेज़ है क्या
ऐतबार करने मे ऐतराज़ है क्या,

मेरे दिल का हाल तुम जानना चाहोगी क्या
हाल बेहाल है, तुम सुधारना चाहोगी क्या,

मैं गुलाब दूँ तुम किताब मे रखोगी क्या
याद आने पे मेरी तुम उसे देखोगी क्या,

मैं कुछ कहू, तुम ऐतबार करोगी क्या
हमें तुमसे प्यार है,तुम भी हमसे करोगी क्या,

ये चार दिन की जिंदगी साथ बिताओगी क्या
वो तीन शब्द बोलने की ज़हमत तुम उठाओगी क्या,

मैं आगाज़ करू, तुम अंजाम दोगी क्या
मैं इज़हार करू , तुम कुबूल करोगी क्या..❤