...

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Tum nahi aate ho
के बीत गये न जाने कितने साल मगर तुम नहीं आते हो।
जानते हो तुम भी मेरा हाल मगर तुम नहीं आते हो।
रहे कुछ वक़्त तक तुम साथ मेरे फिर क्यों तन्हा कर दिया,
पूछें है सब मुझसे ये सवाल मगर तुम नही आते हो।
कश्मकश में हूँ मैं की तुम्हें भूलूँ या याद रखूं,
जेहन में मेरे मचा है बवाल मगर तुम नही आते हो।
ख्वाहिशें जो थी मेरी सारी मोम सी पिघल गयी,
हो गया ऐसा भी कमाल मगर तुम नही आते हो।
तुम बेवफा सही मगर मैं अब भी तुम्हें चाहता हूँ,
जहाँ मेरे इश्क़ की देता है मिसाल मगर तुम नही आते हो।।
© Ashish pandey