बारिश🌦️
यूं जो कहा करते है
बारिश में यादें भिगोया करती है
जरा सब्र हो तो इंतेहा देखने गांव आना
बारिश में वो गीली मिट्टी
खीचड़ में तब्दील होते देखना
कैसे घर की छतों से टप टप बारिश की बूंदें
माथे को छू जाती है
फिर रातों को जगाती है
यूं जो कहा करते है
बारिश में गरमा गरम पकोड़े बड़े अच्छे लगते है
जरा वक्त निकाल गांव आना
वो मिट्टी के चूल्हे पर बड़ी मुश्किल से रोटी बनते देखना
फिर पानी लेने भींगते बारिश में कल तक जाते देखना
और देखना मजबूरी बेबसी
जब बारिश में बिजली नहीं होती
अंधेरों में वो माहौल देखना
और आ न सको गांव तो
चॉल में रहते इंसानों की लाचारी देखना
फुटपाथ पर सोते उन भिखारियों की दशा देखना
दिल न सहमे तो अपनी इंसानियत देखना
फिर कहना ये बारिश प्यार मोहब्बत आशिकी है
और कह न सको तो बारिश को ख्वाबों से जोड़ना
बिखरते कुछ अरमानों और उम्मीदों को समझना
बारिश किसानों के लिए खुशी का पैगाम
तो कभी लिए सैलाबों का सागर हैं
बीन मौसम बरसात लिए गगन में तूफ़ान है
ये बरसात की अपनी कहानी अंजान है
जान सकों तो जान लेना
बरसात के मौसम को
बीन मौसम बारिश को
मगर पहचान इश्क़ की न देना
खुशी दे तो खुश होना
गम दे तो उससे उभरना
चाहत हो तो चाहत करना
चाहें यादें कैसी भी हो
एहसास कितने भी गहरे हो
बारिश की बूंदों से जुड़ी सारी ख्वाहिशें हो
इसे फरेबी मोहब्बत की खुमारी न बताना
बारिश को तुम बारिश ही कहना
बारिश.....
~Gia⊰⊹ฺ
© The Unique Girl✨❤️
बारिश में यादें भिगोया करती है
जरा सब्र हो तो इंतेहा देखने गांव आना
बारिश में वो गीली मिट्टी
खीचड़ में तब्दील होते देखना
कैसे घर की छतों से टप टप बारिश की बूंदें
माथे को छू जाती है
फिर रातों को जगाती है
यूं जो कहा करते है
बारिश में गरमा गरम पकोड़े बड़े अच्छे लगते है
जरा वक्त निकाल गांव आना
वो मिट्टी के चूल्हे पर बड़ी मुश्किल से रोटी बनते देखना
फिर पानी लेने भींगते बारिश में कल तक जाते देखना
और देखना मजबूरी बेबसी
जब बारिश में बिजली नहीं होती
अंधेरों में वो माहौल देखना
और आ न सको गांव तो
चॉल में रहते इंसानों की लाचारी देखना
फुटपाथ पर सोते उन भिखारियों की दशा देखना
दिल न सहमे तो अपनी इंसानियत देखना
फिर कहना ये बारिश प्यार मोहब्बत आशिकी है
और कह न सको तो बारिश को ख्वाबों से जोड़ना
बिखरते कुछ अरमानों और उम्मीदों को समझना
बारिश किसानों के लिए खुशी का पैगाम
तो कभी लिए सैलाबों का सागर हैं
बीन मौसम बरसात लिए गगन में तूफ़ान है
ये बरसात की अपनी कहानी अंजान है
जान सकों तो जान लेना
बरसात के मौसम को
बीन मौसम बारिश को
मगर पहचान इश्क़ की न देना
खुशी दे तो खुश होना
गम दे तो उससे उभरना
चाहत हो तो चाहत करना
चाहें यादें कैसी भी हो
एहसास कितने भी गहरे हो
बारिश की बूंदों से जुड़ी सारी ख्वाहिशें हो
इसे फरेबी मोहब्बत की खुमारी न बताना
बारिश को तुम बारिश ही कहना
बारिश.....
~Gia⊰⊹ฺ
© The Unique Girl✨❤️