पिता हो जाना
माना जहां में बहुत मुश्किल है,
मां की ममता को समझ पाना,
पर कहाँ आसान होता है बोलो,
एक पिता के जैसे सोच पाना।
मां को अक्सर देखा है हमने,
छोटी बातों पर खुश हो जाती है,
अदनी सी बात पर फिर वो तो,
घंटों आंसू भी बहाती है।
हर बच्चा बता सकता है,
उसकी माँ ऐसी है वैसी है,
ये पसंद है उसे बहुत और,
इस बात पर चिढ़ जाती है।
पर क्या कभी सोचा है ऐसा,
किसी ने अपने पिता के बारे में,
एक शून्य सा भाव लिए चलते,
जैसे शांत रोशनी हो चंचल अंधियारे में।
बस जो चाहा बच्चे ने वो मिला,
कभी मांगा तो कभी बिन मांगे मिला,...