कि जब से तू मिल गई है ❤️
ज़िंदगी को ज़िंदगी मिल गई है
कि जब से तू मुझे मिल गई है
मैंने दुनिया में उसको नहीं
उसमें अपनी दुनिया देखी है
न देखा मैंने किसी और को
जबसे तस्वीर उसकी देखी है
चैन मेरी आंखों को आता है
जब सुकून से वो सो जाती है
उगता है मेरे दिन का सूरज
जब वो सुबह आंखें खोलती है
वो आई ज़िंदगी में इस कद्र कि
ज़िंदगी को जीने का इशारा मिल गया
इस बेजान...
कि जब से तू मुझे मिल गई है
मैंने दुनिया में उसको नहीं
उसमें अपनी दुनिया देखी है
न देखा मैंने किसी और को
जबसे तस्वीर उसकी देखी है
चैन मेरी आंखों को आता है
जब सुकून से वो सो जाती है
उगता है मेरे दिन का सूरज
जब वो सुबह आंखें खोलती है
वो आई ज़िंदगी में इस कद्र कि
ज़िंदगी को जीने का इशारा मिल गया
इस बेजान...