ईश्क इन 20थ सेंचुरि
सोचता हूँ क्या कसूर हुआ,
जो यूँ ईश्क पहले गुरुर हुआ,
फिर चूर हुआ,
बेहकाया दुनिया ने क्या खूब,
और हैरत है, खुदा भी उसी वक़्त...
जो यूँ ईश्क पहले गुरुर हुआ,
फिर चूर हुआ,
बेहकाया दुनिया ने क्या खूब,
और हैरत है, खुदा भी उसी वक़्त...