6 views
ऋतु त्योहारों की आई
खुशियों की बहार छाई
रितु त्योहारों की आई
तिल के लड्डू पचे नहीं
मौन रही अमावस रात
मां सरस्वती की पूजा
अब बच्चे करने लगे हैं दिन-रात
बस एक बार - बस एक बार
जो रटा - रटाया उत्तर है
परीक्षा में आए वही सवाल
लड्डू पेड़े का भोग लगाऊं
पीले वस्त्र पहन तेरे दर पर आऊं
मां शारदा सुन ले मेरी पुकार
पास करदो बस इस बार
श्री पंचमी का त्यौहार
चारों तरफ फूलों की खुश्बू
आम के पेड़ पे बौर की बहार छाई
ऋतु त्योहारों की आई।
#poem
© -Pandit Neeraj Mishra ✍️
Related Stories
11 Likes
0
Comments
11 Likes
0
Comments