...

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ऋतु त्योहारों की आई

खुशियों की बहार छाई
रितु त्योहारों की आई
तिल के लड्डू पचे नहीं
मौन रही अमावस रात
मां सरस्वती की पूजा
अब बच्चे करने लगे हैं दिन-रात
बस एक बार - बस एक बार
जो रटा - रटाया उत्तर है
परीक्षा में आए वही सवाल
लड्डू पेड़े का भोग लगाऊं
पीले वस्त्र पहन तेरे दर पर आऊं
मां शारदा सुन ले मेरी पुकार
पास करदो बस इस बार
श्री पंचमी का त्यौहार
चारों तरफ फूलों की खुश्बू
आम के पेड़ पे बौर की बहार छाई
ऋतु त्योहारों की आई।
#poem
© -Pandit Neeraj Mishra ✍️