शीर्षक - चाहा मैंने।
शीर्षक - चाहा मैंने।
हर दफ़ा बताना चाहा मैंने।
गले से जा लगाना चाहा मैंने।
तू समझी नहीं इशारा कोई,
इशारे में समझाना चाहा मैंने।
आज जा रही दूर दिल रो रहा,
रिश्ता आगे बढ़ाना चाहा मैंने।
क़ाश भाँप पाती मेरे दिल को,
जो हमेशा दिखाना चाहा मैंने।
तेरे जाने से काँप सा रहा हूँ,
रोकने का...
हर दफ़ा बताना चाहा मैंने।
गले से जा लगाना चाहा मैंने।
तू समझी नहीं इशारा कोई,
इशारे में समझाना चाहा मैंने।
आज जा रही दूर दिल रो रहा,
रिश्ता आगे बढ़ाना चाहा मैंने।
क़ाश भाँप पाती मेरे दिल को,
जो हमेशा दिखाना चाहा मैंने।
तेरे जाने से काँप सा रहा हूँ,
रोकने का...