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"पूर्ण"
DEDICATED TO "MENS OF LIFE, FOR THE LIFE" ON INTERNATIONAL MEN'S DAY.
पहचान, जिसने दी हमको,
कैसे मैं उसकी आत्मजा, नकार दूं?
भाव, स्वयं में निहित अनन्त,
अनमोल दिवस पर, क्या उपहार दूं?
'वाणी' मान, समर्पित तुमको,
हूं अंश मातृ तेरी, मेरा स्वर्णिम पूर्ण तू।
© प्रज्ञा वाणी
पहचान, जिसने दी हमको,
कैसे मैं उसकी आत्मजा, नकार दूं?
भाव, स्वयं में निहित अनन्त,
अनमोल दिवस पर, क्या उपहार दूं?
'वाणी' मान, समर्पित तुमको,
हूं अंश मातृ तेरी, मेरा स्वर्णिम पूर्ण तू।
© प्रज्ञा वाणी
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