अपराध
#अपराध
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
विकल्प छूटा नहीं कोई मार्ग का
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
जिधर देखो आंखे मूंदी पड़ी काले पट्टी से।
सुना है...
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
विकल्प छूटा नहीं कोई मार्ग का
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
जिधर देखो आंखे मूंदी पड़ी काले पट्टी से।
सुना है...