...

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बनिस्मत ये दोष मेरी किस्मत का नहीं
#WritcoPoemPrompt52
बनिस्मत ये दोष मेरी किस्मत का नहीं
मन कही भी ठहरे, मन से बाहर नहीं
ख्वाहिशें तो हवा के झोंको सी हैं
कभी इस आंगन कभी उस आंगन


© AshR