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लेखक
माँ वीणापाणी की असीम कृपादृष्टि से जो,
हमेशा मन के भाव कागज पर अंकन करे,
जिसमे सत्य कहने की ही हिम्मत हो अपार,
लेखक वही जो लेखनी को ना बनाये व्यापार।

उसकी कलम में भाव सभी हो लिखने के पर,
वाणी में राष्ट्र वीरों का अभिनंदन सर्वोपरि हो,
लेखन हर क्षेत्र में पर वही लिखे जो...