मुशिकल है बेहद
हाँ शायद जताना मुशिकल है बेहद
बताना मुश्किल है अहमियत
औरो से कह भी दे शायद
मगर कह पाना मुश्किल है बेहद
कितनी है जरूरत,
क्या है अहमियत
'जरूरी' है मौजूदगी ।
मगर इकरार और एतबार दोनो मुश्किल है बेहद
इसलिए कर देते है नज़रअंदाज
या होती है हिचकिचाहट
औरो से कह भी दे शायद
मगर भूल जाते है अक्सर या भूला देते है जानबूझकर
हाँ शायद मुशिकल है बेहद
या समझते ही नही इस काबिल
के एक हिस्सा देदे उस अहमियत का जो औरो को देते है अक्सर फक्र से
हाँ शायद देना मुशिकल है बेहद
इसलिए कर देते है नजरअंदाज और चाहते है औरो से अक्सर
मुश्किल है बेहद
जताना प्यार
बताना अहमियत
कितनी है जरूरत
'खुद की '
हाँ शायद जताना मुशिकल है बेहद
इसलिए भूला देते है खुद ही खुद की किमत ।
© Meenakshi ___ मीशा✒️
बताना मुश्किल है अहमियत
औरो से कह भी दे शायद
मगर कह पाना मुश्किल है बेहद
कितनी है जरूरत,
क्या है अहमियत
'जरूरी' है मौजूदगी ।
मगर इकरार और एतबार दोनो मुश्किल है बेहद
इसलिए कर देते है नज़रअंदाज
या होती है हिचकिचाहट
औरो से कह भी दे शायद
मगर भूल जाते है अक्सर या भूला देते है जानबूझकर
हाँ शायद मुशिकल है बेहद
या समझते ही नही इस काबिल
के एक हिस्सा देदे उस अहमियत का जो औरो को देते है अक्सर फक्र से
हाँ शायद देना मुशिकल है बेहद
इसलिए कर देते है नजरअंदाज और चाहते है औरो से अक्सर
मुश्किल है बेहद
जताना प्यार
बताना अहमियत
कितनी है जरूरत
'खुद की '
हाँ शायद जताना मुशिकल है बेहद
इसलिए भूला देते है खुद ही खुद की किमत ।
© Meenakshi ___ मीशा✒️