kahani sabki
एक औऱत की कहानी
ये औऱत है साहब हर दुख मे मुस्कुराती है कभी पति से कभी ससुराल से फटकार खाती है सबका ख्याल रखकर भी हर जगह सुनती जाती है ये औऱत है साहब हर गम मे मुस्कुराती है ...
ये औऱत है साहब हर दुख मे मुस्कुराती है कभी पति से कभी ससुराल से फटकार खाती है सबका ख्याल रखकर भी हर जगह सुनती जाती है ये औऱत है साहब हर गम मे मुस्कुराती है ...