मौत इतनी तू रिझाने लगी......
मौत इतनी तू रिझाने लगी,
अपने हाथों से सिर सहलाने लगी,
सुकून इतना पहले कभी ना मिला,
तेरी गोदी में मैं जो सोने चला,
मीठी निंदिया से अब ना जगाना मुझे,
दुनिया वालो के पास ना जाना मुझे ||
मौत इतनी तू रिझाने लगी.......
अपने हाथो से सिर सहलाने लगी.....
झूठी मुस्कान कितना मैं...
अपने हाथों से सिर सहलाने लगी,
सुकून इतना पहले कभी ना मिला,
तेरी गोदी में मैं जो सोने चला,
मीठी निंदिया से अब ना जगाना मुझे,
दुनिया वालो के पास ना जाना मुझे ||
मौत इतनी तू रिझाने लगी.......
अपने हाथो से सिर सहलाने लगी.....
झूठी मुस्कान कितना मैं...