...

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कहाँ कहाँ...
दुनिया में ना जन्म निरर्थक है,
न ही मृत्यु !
खुशी और रुदन के
मध्य हम ज़िंदगी में
या तो सिर्फ
खुशियों को जीते हैं
या फिर दर्द को ।
मगर कभी नहीं देख पाते
या समझ पाते
इस प्रयोजन को
जहाँ ईश्वर की उपस्थिति तो है
मगर है कहाँ कहाँ
यह कोई नही जानता...✍
jaswinder chahal
24/10/2024
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