Dharm Hih Hai Ekta
धर्म ही है एकता !
धर्म ही है एकता !
करो ना फर्क छोटो - बढ़ो में,
करो न फर्क साधारण आदमी में ,
करो ना शोषण दुसरो का,
करो ना माता - पिता को अपने से दूर,
परिवार और दुसरो का सम्मान करो,
घंटो पूजा करने से धर्म नहीं बनती है एकता,
धर्म बनती है एकता एक दूसरे के साथ प्यार बाटने से,
दुसरो की मदद करनी चाहिए ,
दुसरो के सुख - दुःख में साथ देना चाहिए,
तभी हम कहे गे धर्म ही है एकता!
© All Rights Reserved
धर्म ही है एकता !
करो ना फर्क छोटो - बढ़ो में,
करो न फर्क साधारण आदमी में ,
करो ना शोषण दुसरो का,
करो ना माता - पिता को अपने से दूर,
परिवार और दुसरो का सम्मान करो,
घंटो पूजा करने से धर्म नहीं बनती है एकता,
धर्म बनती है एकता एक दूसरे के साथ प्यार बाटने से,
दुसरो की मदद करनी चाहिए ,
दुसरो के सुख - दुःख में साथ देना चाहिए,
तभी हम कहे गे धर्म ही है एकता!
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