मुख़्तसर
‛मुख़्तसर’
मुख़्तसर मुलाकात रही
घड़ी दो घड़ी, पल दो पल
अरमाँ सज़ा लिए हमने
इस जहाँ के, उस जहाँ...
मुख़्तसर मुलाकात रही
घड़ी दो घड़ी, पल दो पल
अरमाँ सज़ा लिए हमने
इस जहाँ के, उस जहाँ...