कौन पकड़ पाया मन को
कौन पकड़ पाया मन को
तुम कहते हो मैंने भांप लिया
पीछे ही तो तुम भागते रहते हो
चाहत को भी जो पहचान...
तुम कहते हो मैंने भांप लिया
पीछे ही तो तुम भागते रहते हो
चाहत को भी जो पहचान...