वक्त
रूबरू हो जाते है शराफत के मोखोटे से ,
दिखते है निकलते जब शरीफ कोठे से।
सुबह-शाम धन-दौलत के लिए रहें भागते,
सब हवा हो जाता है वक्त के एक झोंके से।
बूरे वक्त...
दिखते है निकलते जब शरीफ कोठे से।
सुबह-शाम धन-दौलत के लिए रहें भागते,
सब हवा हो जाता है वक्त के एक झोंके से।
बूरे वक्त...