...

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याद
तू अब भी याद आ ही जाती है
उस की बातों में छलक ही जाती है

बेमाना सा लगता है वो बातों का दौर
कितना ही भूलना चाहा उस ने

तू धारा तू नीर तू ही थी उस की तक़दीर
तेरे बिना वो अब भी अधूरा सा

बस तू उस को अनायास ही याद अगाई
अरसा तो नहीं गुज़रा पर अरसा सा लगता है

तेरी परछाई तेरी आहट तेरा एहसास
हर तरफ़ उस को छलकता है
तू अब भी याद आ ही जाती है

© 𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕨𝕒𝕥 𝔻𝕨𝕚𝕧𝕖𝕕𝕚