...

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जान निसार हे मेरे यार पर
वो मुहब्बत ही क्या जो
अपने मेहबूब की खुशियां ना देख सके
वो प्रेमिका ही क्या जो अपने
प्रेमी को समझ ना सके

प्यार खुबसूरत इंसान से नही
पर जिसे भी करो खूबसूरती से करो
जरूरी होती है खुशियां अपने महेबुब कि यारो मुहब्बत में
फिर चाहे वो खुशियों की वजह आपकी मौत हो
प्यार वफा मुहब्बत के लिए जान भी कुर्बान है यारो क्युकी जान हु में मेरे यार की

© jhan