मुझे बेटियां नहीं चाहिए
मुझे बेटी नहीं चाहिए..पता क्यों..?
क्योंकि मैं स्त्री हूं..समझती हूं उसे..
वो भी बहुत मजबूत होगी..मेरी तरह..
लेकिन जब समझेगी प्रेम को..
कमज़ोर हो जायेगी...
कभी बाप के प्रेम के आगे झुक जायेगी..
कभी भाई के लिए समझौते करेगी..
कभी समाज के डर से मसोसकर रह जायेगी..
और मैं नहीं चाहती कि वो भी बने "प्रेमिका"
वो मेरी बेटी...
क्योंकि मैं स्त्री हूं..समझती हूं उसे..
वो भी बहुत मजबूत होगी..मेरी तरह..
लेकिन जब समझेगी प्रेम को..
कमज़ोर हो जायेगी...
कभी बाप के प्रेम के आगे झुक जायेगी..
कभी भाई के लिए समझौते करेगी..
कभी समाज के डर से मसोसकर रह जायेगी..
और मैं नहीं चाहती कि वो भी बने "प्रेमिका"
वो मेरी बेटी...