"रूठ जाने की आदत"
बदलते हालातों में रूठ जाने की आदत,
करती है ज़िन्दगी से ये कैसी बग़ावत..!
एहसासों का क़त्ल तुम करते हो ऐसे,
जैसे शब्दों ने दी हो अपनी शहादत..!
कौन अपना कौन पराया ये वक़्त ही बताता है,
ग़लत...
करती है ज़िन्दगी से ये कैसी बग़ावत..!
एहसासों का क़त्ल तुम करते हो ऐसे,
जैसे शब्दों ने दी हो अपनी शहादत..!
कौन अपना कौन पराया ये वक़्त ही बताता है,
ग़लत...