आँखें कितना कुछ झेलती है
ये आखेँ कीतना कुछ झेलती है।
महफ़िल में मुसकुराकर
एकेली तनहाई में रोती है।
इंतज़ार में उसके
ना जाने कितना...
महफ़िल में मुसकुराकर
एकेली तनहाई में रोती है।
इंतज़ार में उसके
ना जाने कितना...