...

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लिखित पीड़ाएं
मछलियों का अश्रु
जल में बहाना रह गया,
और जाने कैसे खंडहर ने अपने शरीर पर
लिख दी महलों की कहानी,

कभी देखा है क्या
मन की सारी फुसफुसाहटों को
सिगरेट के छल्ले के बीच से गुजरते हुए,

पिछली रात के दर्द
नींद और आंखों के बीच का संघर्ष
किसी रात को ख़्वाब नहीं सीना चाहिए,

उस आधी रात विवशता के किवाड़
देह की तितलियों से अलग...