छोटी बहूरानी
खूब सूरत है वो इतनी कि चाँद कह
सकते नही
चाँद भी तो घटता और बढता है
चाँद भी तो बादलों में छिपता है
वो पर्दे के पीछे से भी चमकती है।
समझदार...
सकते नही
चाँद भी तो घटता और बढता है
चाँद भी तो बादलों में छिपता है
वो पर्दे के पीछे से भी चमकती है।
समझदार...