कोई बात
कोई बात हो तो कह देना तुम भी..
मुझे बातों को समझना नहीं आता.
अब तक लोगों से दूर रहा हुँ,
मुझे साथ चलना नहीं आता..
गलत नहीं मैं बस खामोश रहता हुँ..
मुझे बातों को कहना नहीं आता...
जाने वालों को जाने देता हुँ...
बात किसी से खुद कि कहता नहीं हुँ,
मगर रोकना हर बार चाहा हर किसी को..
लेकिन क्या करू मुझे जाते हुए को रोकना नहीं आता...
© abhay chaturvedi
मुझे बातों को समझना नहीं आता.
अब तक लोगों से दूर रहा हुँ,
मुझे साथ चलना नहीं आता..
गलत नहीं मैं बस खामोश रहता हुँ..
मुझे बातों को कहना नहीं आता...
जाने वालों को जाने देता हुँ...
बात किसी से खुद कि कहता नहीं हुँ,
मगर रोकना हर बार चाहा हर किसी को..
लेकिन क्या करू मुझे जाते हुए को रोकना नहीं आता...
© abhay chaturvedi