तकदीर
तकदीर के खेल अलबेले देखें,
सबके रहते खुद को अकेले देखें.
तमन्ना जिसकी थी कभी मिला नहीं,
यूं तो हजार किस्मों के हमने मेले देखे.
हर चेहरा यहां बोलती तस्वीर नजर आए,
दिल हमने कहीं उजले तो कहीं काले देखें.
सबके रहते खुद को अकेले देखें.
तमन्ना जिसकी थी कभी मिला नहीं,
यूं तो हजार किस्मों के हमने मेले देखे.
हर चेहरा यहां बोलती तस्वीर नजर आए,
दिल हमने कहीं उजले तो कहीं काले देखें.
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