महादेव: अनन्त शक्ति का अद्वितीय स्रोत
जटाधर त्रिपुरारि, त्रिनेत्र धर्मधुरि,
करुणासिन्धु शंकर, जगदंबिका धरि।
स्वर्गाधिप गौरीपति, भूतवास शिवयोगि,
नीलकंठ भस्माङ्ग धारी, भवभयहारि।।
ध्यान में लगाते हैं सदा, भोलेनाथ को हम,
करते हैं प्रणाम उन्हें, मन भावना के संग।
अर्पण करते हैं अपने, श्रद्धा और भक्ति से,
वही हैं आदि और अंत, सच्चा भगवान शिव।।
भूतपति भव्य हैं वे, आध्यात्मिक शिक्षक...
करुणासिन्धु शंकर, जगदंबिका धरि।
स्वर्गाधिप गौरीपति, भूतवास शिवयोगि,
नीलकंठ भस्माङ्ग धारी, भवभयहारि।।
ध्यान में लगाते हैं सदा, भोलेनाथ को हम,
करते हैं प्रणाम उन्हें, मन भावना के संग।
अर्पण करते हैं अपने, श्रद्धा और भक्ति से,
वही हैं आदि और अंत, सच्चा भगवान शिव।।
भूतपति भव्य हैं वे, आध्यात्मिक शिक्षक...