हम
वो ख़्वाब लिखता है,
मैं हकीकत,
उसे रोशनी सुकून देती है,
मुझे घना अंधेरा,
वो अंधेरों में तलाश लाता है रोशनी,
तो मैं परदे लगा, दिन को कर देती हूं रात,
उसके हर शब्द, हर अक्षर में है प्यार,
तो मेरे हर शब्द करते हैं, प्यार पर वार,
पर कुछ तो है जो एक सा है,
जो ऊपर ऊपर दिखता नहीं,
और रूह तक पहुंचने को
हम दोनों ही नही तैयार।
© Atul Mishra
#kalammishraki
मैं हकीकत,
उसे रोशनी सुकून देती है,
मुझे घना अंधेरा,
वो अंधेरों में तलाश लाता है रोशनी,
तो मैं परदे लगा, दिन को कर देती हूं रात,
उसके हर शब्द, हर अक्षर में है प्यार,
तो मेरे हर शब्द करते हैं, प्यार पर वार,
पर कुछ तो है जो एक सा है,
जो ऊपर ऊपर दिखता नहीं,
और रूह तक पहुंचने को
हम दोनों ही नही तैयार।
© Atul Mishra
#kalammishraki