...

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आंसू
सावन आया है पर इश्क नहीं आंसू बरसाया है
दर्द कितना है मोहब्बत में, ये बताया है।

तुमको ही खुदा माना था, मेरे गुरूर थे तुम
कहां पता था मेरे नहीं, किसी और के थे तुम।

तुम थे तो अजीब सा आत्मविश्वास था,
कुछ नहीं होकर भी सब पास था।

तुम थे तो लगता था सब हासिल है,
अब नहीं हो तो सब मुश्किल है।

कैसे जा सकते हो तुम मेरा इतना बड़ा हिस्सा लेकर
मुझे बीच राह छोड़ कर, मेरा दिल तोड़ कर

सजा मिली है मुझे तुम पर भरोसे की
टूटा हुआ दिल, आहें, नाउम्मीदी और तन्हाई।
@poetinnme

© Anamika Annu