...

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उसकी ख्वाइश,,,
कोई सोच भी नहीं सकता की,,
कि किस दौर से गुजर रही हूं,,
कि उसके लिए हर रोज,,
मौत से मिन्नते कर रही हूं,,
वो रहे सलामत इसलिए,,
नजाने कितनी अज़ियते सह रही हूं,,
वो मुस्कुराता रहे सदा,,
इसलिए हर दर्द को खुद में ज़ब्त कर रही हूं,,
वो रहे जिंदा इसलिए,,
लम्हा–दर–लम्हा मैं मर रही हू,,
उसकी ख्वाहिश थी की,,
आसान मौत न मिले मुझको,,
उसकी ख्वाहिश थी की,,
आसान मौत न मिले मुझको,,
इसलिए हर रोज उसकी याद में तड़प रही हूं,,
मैं जी तो रही हू,,
मगर जी नही रही हू,,
© Aryz 💕 crush