रास्ता!
हम यूहीं नहीं इश्क़ कर रहे थे
हम खुद को दोबारा जी रहे थे
हा माना स्वार्थ मेरा भी था
मगर हम कोई गुनाह तो नहीं कर रहे...
हम खुद को दोबारा जी रहे थे
हा माना स्वार्थ मेरा भी था
मगर हम कोई गुनाह तो नहीं कर रहे...