...

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laut aaya
और मोहब्बत तुमसे किस हद तक थी, ⁣
यकीं इसका मैं तुम्हें दिला ना पाया, ⁣
शायद इसीलिए तू मेरे हिस्से में ना आया। ⁣
चाहत तेरी कुछ इस तरह संभाले हुआ हूँ, ⁣
कि, तेरे चले जाने का एहसास आज तक मुझे छू ना पाया। ⁣
और मैं आज भी उसी मोड़ पर खड़ा हूँ, ⁣
एक रोज़, जहाँ तेरे चले जाने के बाद, ⁣
कहीं पीछे रह गया था तेरा ही साया। ⁣
इसी उम्मीद में , कि शायद , ⁣
एक दिन उसे ढूंढते हुए , तू वापस आये, ⁣
और कहे, ⁣
कि बहुत हुआ इंतजार, ⁣
छोड़ो भी, ⁣
देखो! अब मैं लौट आया।
© midnyt_ink