...

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तिरंगा
उस छोटी-सी बच्ची को देखो
पापा किसे बुलाएगी।
किस के कन्धे पर बैठकर
दुनिया का हाल सुनाएगी।
दुश्मन खड़ा ताकता समझें
उसकी घिनौनी सोच को।
मेरी भावनाओं को सब समझें
ऐसा यह सन्देश हो।

जब मेरी खातिर लड़ते-लड़ते
मेरे सपूत शहीद हो जाते हैं ।
मेरी ही गोद में सिमटकर
वे सब मेरे ही गले लग जाते हैं।
बोझिल मन से ही सही
उन्हें सहलाऊँ ऐसा मेरा साहस हो।
मेरी भावनाओं को
सब समझें मेरा यह सन्देश हो।

#वैष्णो खत्री #वेदिका #©®